Friday 21 October 2011

क्यूं

क्यूं हर वक्त खुले रहते हैं गेसू तुम्हारे
किसके लहू से धोने की कसम खाई हैं
सब बयाँ कर दिया हैं बोझिल आँखों ने
शायद आपने न सोने की कसम खाई हैं

1 comment:

  1. क्यूं हर वक्त खुले रहते हैं गेसू तुम्हारे
    किसके लहू से धोने की कसम खाई हैं
    सब बयाँ कर दिया हैं बोझिल आँखों ने
    शायद आपने न सोने की कसम खाई हैं

    wow...

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